Madhu Arora

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लेखनी प्रतियोगिता -03-Feb-2022 किसान

किसान
   संयम है जिनका आधार,
   मेहनत से है जिनको प्यार।
   खेती है जिनका जीवन,
   उनका कुदाल धरती पर पड,
   धरा में बीज  बो जाता।
   अन्न तो वह उपजाते,
    जैसा भी जो भी मिले।
    धरा  पर बैठकर खाते,
    खुद कितना परिश्रम है करते।
     गर्मी -सर्दी दिन -रात ना देखते ,
     खेतों से सोना उपजाते।
     पूरी दुनिया का पेट है भरते
     पसीना अपना खूब बहाते।
     मेहनत उनकी रंग है लाती,
     घर में तब खुशहाली आती।।
     कभी अगर बारिश ना हो
     देख देख वह घबराते
     पडे अकाल ना कभी धरा पर
     बस वह यही दुआ मनाते।।
     पेट सबका भरे यहां पर
     बस इतना ही वह जाते
     किसान भगवान तुल्य है होता
     बस हम तो यही मानते ।

पशु पक्षी ना परेशान हो 

जीव जतु भी खुश रहे

अकाल पड़ी ना कभी धरा पर 

हम तो बस यही दुआ करे।

प्रतियोगिता के लिए

रचनाकार

 मधु अरोरा









                  रचनाकार ✍️
                   मधु अरोरा
                   13.9.2021

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3 Comments

Sudhanshu pabdey

04-Feb-2022 09:08 PM

Very nice

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Swati chourasia

04-Feb-2022 07:19 AM

Very beautiful 👌

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Zakirhusain Abbas Chougule

03-Feb-2022 10:04 PM

Nice

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